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ग़ज़ल (अन्य)
नया अब यहाँ मैं चलन चाहता हूँ सभी के दिलों में लगन चाहता हूँ तड़पता [...]
ग़ज़ल (दर्द)
वक्त से भी वो लड़ी दिखती है एक कोने में खड़ी दिखती है हो चुकी [...]
ग़ज़ल (मोहब्बत)
कभी बेवफा से भी वफा कर के देख लो मोहब्बत है कि नहीं ख़फ़ा कर [...]
हुज़ूरों की ख़बर रखते थे अख़बार अब अख़बारों की ख़बर हुजूर लिया करते हैं चापलूसी [...]
मुझको तुम्हारी याद ऐसे सता रही है तुम हो यहीं कहीं पे खुशबू बता रही [...]
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