ग़ज़ल (संदेशात्मक)
दिलों में बस गईं गर नफ़रतें हैं फ़क़त बस नाम को ही मिल्लतें हैं ( [...]
क़ता (अन्य)
जीतने का भरम नहीं रखते हौसला हम भी कम नहीं रखते मंज़िलें ख़ुद ही पास [...]
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