ग़ज़ल (संदेशात्मक)
कोई गुमनाम या मुअज्जम है । साथ सबके ख़ुशी है मातम है ।। आदमी की [...]
शाम सुबहा सी सुहानी ख़र्च होती जा रही यूँ सभी की ज़िंदगानी ख़र्च होती जा [...]
ग़ज़ल ^^^^^ मरहबा तेरा हुनर।। जादूगर ओ जादूगर।। ज़र्रे ज़र्रे में तूही। सारी सृष्टि तेरा [...]
काग़ज़ दिल रचना
ग़ज़ल कागज़दिल से राज़ मिला । लिखने का अंदाज़ मिला ।। इतने दिन के बाद [...]
ग़ज़ल साथ हमारी खुशियाँ लाए काग़ज़दिल। आप बड़ी ही देर से आए काग़ज़दिल।। नकलें करते [...]
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