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ग़ज़ल (मोहब्बत)
बह्र- 2122 1212 22 आज इस दिल पे क्यों खुमारी है। हो गयी इश्क़ की [...]
कविता (अन्य)
दिल मेरा कागज सा, था कोरे कागज सा। जो भी जब भी लिखा, हाँ बस [...]
आ कहीं दूर चले जाएं हम, तेरी बाहों में सिमट जाए हम, आ कहीं…. है [...]
मुक्तक (संदेशात्मक)
भटक न जाऊँ कहीं तुम राह दिखाना कान्हा, मन में बहुत अंधेरा है उजाला फैलाना [...]
नज़्म (अन्य)
खामोशी का गीत कभी सुना है इस गीत को… जब दिल तन्हा होता है, खामोशी, [...]
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